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5 नवंबर 2025 को मनाएं Dev Deepawali, प्रादोषकाल मुहूर्त के साथ

On: October 28, 2025 8:51 AM
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5 नवंबर 2025 को मनाएं

5 नवंबर 2025 को मनाएं को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला Dev Deepawali त्योहार वाराणसी के घाटों लाखों दीयों से जगमगाता है। शाम 5:15 से 7:50 बजे तक प्रादोषकाल में प्रमुख पूजा और दीप प्रज्ज्वलन होते हैं, जो इस पावन अवसर और भी खास बनाते हैं।

5 नवंबर 2025 को मनाएं Dev Deepawali 2025 पर्व का महत्व और तिथि

#5 नवंबर 2025 को मनाई जाने वाली Dev Deepawali का पर्व भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर राक्षस के वध का प्रतीक है। यह त्योहार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जब देवता पृथ्वी पर आकर दीप जलाकर उत्सव मनाते हैं।

त्योहार की तिथि और महत्व

5 नवंबर 2025 को मनाएं
#5 नवंबर 2025 को मनाएं

Dev Deepawali का त्योहार 5 नवंबर 2025 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा। यह पावन दिवस भगवान शिव के त्रिपुरासुर राक्षस पर विजय का प्रतीक है और वाराणसी में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

पूजा के लिए शुभ समय

Dev Deepawali 2025 की पूजा शाम 5:15 बजे से 7:50 बजे तक प्रादोषकाल में की जाएगी। यह समय विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा संजोने वाला माना जाता है।

Dev Deepawali क्यों मनाई जाती है

यह त्योहार भगवान शिव की त्रिपुरासुर नामक राक्षस पर विजय की कथा से जुड़ा है। कहा जाता है कि इस दिन देवता गंगा नदी के घाटों पर आकर दीप जलाकर उत्सव मनाते हैं।

वाराणसी में Dev Deepawali की खासियत

वाराणसी के गंगा घाटों पर लाखों दीये जलाए जाते हैं, जो पूरे शहर को दिव्य प्रकाश

से भर देते हैं। यह दृश्य भक्तों और पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

पूजा विधि और अनुष्ठान

Dev Deepawali पर भक्त रात को गंगा में स्नान करते हैं,

भगवान शिव और विष्णु की पूजा करते हैं तथा दीपदान करते हैं।

पूजा में मंत्र और आरती का विशेष महत्व होता है।

Dev Deepawali का आध्यात्मिक महत्व

यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत, बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

भक्तों को माना जाता है कि इस दिन की

गई पूजा से सभी कष्ट दूर होते हैं।

Dev Deepawali 2025 मनाने के टिप्स

इस त्योहार को सुरक्षित और संपूर्ण रूप से मनाने के लिए समय पर घाट पहुंचना आवश्यक है।

दीप जलाने के साथ-साथ सामाजिक दूरी

और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।

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