नीतीश नहीं संभालेंगे गृह विभाग बिहार में 20 साल बाद नीतीश कुमार ने गृह विभाग नहीं संभाला, सत्ता संतुलन का नया फॉर्मूला लागू हुआ। JDU के मंत्री कम हैं, लेकिन उनके विभागों का बजट ज्यादा है। समझें इस राजनीतिक बदलाव का पूरे विश्लेषण।
नीतीश नहीं संभालेंगे गृह विभाग, सम्राट चौधरी को मिली गृह मंत्रालय की कमान, सत्ता संतुलन में बड़ा बदलाव
#नीतीश कुमार ने 20 साल बाद पहली बार गृह विभाग की कमान सम्राट चौधरी को सौंपी है। यह बदलाव बिहार की सत्ता संतुलन में बड़ा राजनीतिक नवाचार है, जिसमें महत्वपूर्ण शक्तियों का पुनः बंटवारा हुआ है।
20 साल बाद गृह विभाग का ड्रामा

नीतीश कुमार ने पहली बार पिछले 20 वर्षों में गृह विभाग को अपने हाथ से छोड़ा और इसे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सौंप दिया। यह बदलाव राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर बड़ा संदेश है।
सत्ता संतुलन का नया फार्मूला
जदयू के मंत्री तो कम हैं, लेकिन उनके विभागों का बजट लगभग 1.30 लाख करोड़ रुपये है, जबकि भाजपा के पास ज्यादा मंत्री हैं लेकिन कम बजट। यह दिखाता है कि सत्ता संख्या से अधिक आर्थिक शक्ति पर आधारित है।
भाजपा की बढ़ती भूमिका
भाजपा को गृह मंत्रालय के साथ-साथ स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिले हैं, जिससे उनकी शासन में भूमिका और मजबूत हुई है।
जदयू का नियंत्रण जारी
नीतीश कुमार ने सामान्य प्रशासन, कैबिनेट
सचिवालय जैसे प्रशासनिक महत्वपूर्ण विभाग
अपने पास रखे हैं, जिससे उनकी प्रशासनिक पकड़ बनी रहती है।
गठबंधन में साझेदारी का मॉडल
यह विभागीय बंटवारा गठबंधन के शक्ति
संतुलन और भागीदारी की एक नई परिभाषा है,
जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय साझा किए जाएंगे।
नए चेहरे और नियुक्तियां
सम्राट चौधरी के अलावा कई नए और अनुभवी
मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है, जिनसे सरकार
की कार्यक्षमता में सुधार की उम्मीद है।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव
यह बदलाव बिहार की सत्ता संरचना में स्थिरता
और नए राजनीतिक समीकरणों को परिभाषित करता है,
जो आने वाले वर्षों में राज्य की राजनीति पर गहरा प्रभाव डालेगा।







