विवाह पंचमी 2025 आज के शुभ मुहूर्त, मंगलकारी योग और पूजा विधि के साथ पूरी जानकारी प्राप्त करें। जानें विवाह पंचमी का महत्व, पूजा का सही समय और शुभ मुहूर्त ताकि आपका विवाह सफल और मंगलमय हो।
विवाह पंचमी 2025 का महत्व और इतिहास
#विवाह पंचमी 2025 हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र अवसर है, जब भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। यह दिन प्रेम, सौहार्द और वैवाहिक समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
विवाह पंचमी 2025 का महत्व और इतिहास

विवाह पंचमी भगवान श्रीराम और माता सीता के पावन विवाह का दिन है। यह तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पंचमी को पड़ती है, जो 25 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन को वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाने वाला माना जाता है।
आज के शुभ मुहूर्त और काल
25 नवंबर 2025 को शुक्ल पंचमी तिथि रात 10 बजकर 56 मिनट तक रहेगी। अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है। अमृत काल सायं 5 बजे से सायं 6 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। राहुकाल दोपहर 2 बजकर 46 मिनट से 4 बजकर 5 मिनट तक है।
मंगलकारी योग और उनका महत्त्व
इस दिन गण्ड योग दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा, जो शुभ माना जाता है। रवि योग रात 11 बजकर 57 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 53 मिनट तक चलेगा। इन योगों के कारण आज का दिन धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत शुभ है।
विवाह पंचमी की पूजा विधि
भगवान राम और माता सीता की पूजा इस दिन विशेष विधि से की जाती है। पूजा के दौरान हवन, मंत्र जाप और आरती का आयोजन करें। दंपति जीवन में सुख-समृद्धि के लिए मंत्रों का उच्चारण आवश्यक है।
शुभ तिथि और समय के अनुसार पूजा क्या करें
पूजा की शुरुआत पंचमी तिथि के आरंभ से करें।
अभिजीत और अमृत काल में पूजा अत्यंत फलदायक मानी जाती है।
आप राहुकाल के समय पूजा न करें क्योंकि यह काल अशुभ होता है।
वैवाहिक जीवन में पंचमी का महत्व
विवाह पंचमी दांपत्य जीवन की बाधाओं को दूर
करने और प्रेम व समृद्धि बढ़ाने का दिन है।
विवाह के इच्छुक युवाओं के लिए यह दिन
शुभ संकल्प के लिए उपयुक्त होता है।
विवाह पंचमी से जुड़ी प्रमुख कथाएं और मंत्र
श्रीराम और माता सीता के विवाह की कथा धार्मिक
और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस दिन
उच्चारित होने वाले मंत्र और कीर्तन विवाह जीवन को सफल बनाते हैं।











