बिहार चुनाव 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैर-मौजूदगी पर BJP ने ‘पूर्व नियोजित रणनीति’ बताते हुए साफ किया है कि नीतीश कुमार अलग क्षेत्रों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जानिए इस रणनीति के पीछे की वजह और पूरा चुनाव प्रचार प्लान।
बिहार चुनाव 2025 पीएम मोदी BJP की रणनीति नीतीश कुमार क्यों नहीं हैं पीएम मोदी की रैलियों में
#बिहार चुनाव 2025 में पीएम मोदी की रैलियों में नीतीश कुमार की गैर-मौजूदगी बीजेपी की पूर्व नियोजित रणनीति है, जिसमें दोनों नेता अलग-अलग क्षेत्रों में एक साथ प्रचार कर रहे हैं। यह गठबंधन की रणनीति का हिस्सा है न कि किसी मतभेद या विवाद का संकेत।
चुनाव प्रचार का व्यापक प्लान

बिहार चुनाव 2025 में NDA की पूरी ताकत मैदान में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 रैलियों को संबोधित करेंगे, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने चुनाव क्षेत्रों में अलग से सक्रिय हैं। भाजपा और जदयू नेताओं ने प्रचार को कई हिस्सों में बांट दिया है ताकि अलग-अलग क्षेत्र बेहतर ढंग से कवर हो सकें।
नीतीश कुमार की अलग प्रचार रणनीति
नीतीश कुमार प्रतिदिन कई सभाओं को संबोधित कर रहे हैं और अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रोड शो कर रहे हैं। उनका फोकस विकास और सुशासन को जनता के सामने पेश करने पर है। उन्होंने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत अक्टूबर में ही कर दी थी।
बीजेपी का स्पष्ट जवाब
भाजपा केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार की गैर-मौजूदगी गठबंधन में मतभेद नहीं बल्कि पूर्व नियोजित रणनीति है। सभी बड़े नेता अलग-अलग इलाकों में प्रचार कर रहे हैं।
विपक्ष के आरोप और बीजेपी की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इसे NDA में मतभेद और अंदरूनी लड़ाई बताया, लेकिन बीजेपी ने इसे केवल चुनावी रणनीति बताया। कांग्रेस और राजद के नेताओं ने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद के दावों पर सवाल उठाए, पर बीजेपी ने साफ कर दिया कि वे गठबंधन की मजबूती पर केंद्रित हैं।
चुनावी रणनीति का मकसद
प्रधानमंत्री मोदी की रैलियां उन इलाकों में हैं
जहां भाजपा की स्थिति कमजोर मानी जाती है,
जबकि नीतीश कुमार मजबूत राइयों में जनसमर्थन जुटा रहे हैं।
यह रणनीति वोटरों पर विविध प्रभाव डालने के लिए अपनाई गई है।
प्रचार में अन्य महत्वपूर्ण नेता
भाजपा के अमित शाह और राजनाथ सिंह भी
राज्य में कई रैलियां कर रहे हैं, जिससे पूरा प्रचार अभियान पूरे बिहार
में फैला हुआ है। सभी नेता अपनी-अपनी जिम्मेदारी
निभा रहे हैं ताकि NDA का प्रभाव अधिकतम हो सके।
निष्कर्ष
नीतीश कुमार की पीएम मोदी की रैलियों में गैर-मौजूदगी
कोई पोलिटिकल मुद्दा नहीं बल्कि चुनावी रणनीति की एक कड़ी है।
यह रणनीति गठबंधन को मजबूत और व्यापक बनाने के लिए
बनाई गई है, जिसमें सभी नेता अपने क्षेत्रों में
सक्रिय हैं और प्रचार के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं।







