इथेनॉल उत्पाद यूरोप बैन यूरोप में इथेनॉल युक्त उत्पादों पर कैंसर और स्वास्थ्य जोखिम के कारण बैन लगाने की तैयारी की जा रही है। इस निर्णय से भारत के निर्यात उद्योग और उपभोक्ता बाजार पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
इथेनॉल उत्पाद यूरोप बैन यूरोप में इथेनॉल वाले उत्पादों पर संभावित बैन, कैंसर जोखिम को लेकर भारत में बढ़ी चिंता
यूरोप में इथेनॉल युक्त उत्पादों पर कैंसर के संभावित खतरे को देखते हुए बैन की तैयारी की जा रही है। इस कदम से भारत के निर्यात उद्योग और फार्मा सेक्टर पर गंभीर आर्थिक असर पड़ने की आशंका है।
यूरोप में इथेनॉल बैन की तैयारी

यूरोपीय संघ (EU) ने इथेनॉल युक्त उत्पादों को लेकर कैंसर के संभावित जोखिमों पर अध्ययन शुरू किया है। इन जांचों के बाद कई उत्पादों पर बैन लगाने की तैयारी की जा रही है।
कैंसर जोखिम पर उठी चिंता
हालिया शोध रिपोर्टों में पाया गया है कि कुछ प्रकार के इथेनॉल रासायनिक संयोजन लंबे समय तक त्वचा या श्वसन के संपर्क में आने पर कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
भारत के उद्योग को झटका
भारत से यूरोप को भेजे जाने वाले इथेनॉल आधारित उत्पादों, जैसे परफ्यूम,
सैनिटाइज़र और कॉस्मेटिक्स, पर बैन लगने की
स्थिति में निर्यातकों को बड़ा झटका लग सकता है।
सरकारी विभागों की निगरानी
भारत का वाणिज्य मंत्रालय और स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
विशेषज्ञ टीम यूरोप के नियामकों से संपर्क में है ताकि
संभावित वैकल्पिक मानक तय किए जा सकें।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
भारतीय कॉस्मेटिक और फार्मा कंपनियों ने इस नीति को लेकर चिंता जताई है।
उनका कहना है कि इथेनॉल के बिना उत्पाद बनाना गुणवत्ता और
उत्पादन लागत दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
पर्यावरण व स्वास्थ्य संगठनों की मांग
यूरोप के पर्यावरण संगठनों का कहना है कि मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा को प्राथमिकता
दी जानी चाहिए, चाहे इसका असर
उद्योग पर कितना भी क्यों न हो।
भविष्य की दिशा और समाधान
भारतीय उद्योग अब गैर-इथेनॉल विकल्पों और प्राकृतिक संयोजनों की ओर बढ़ने की तैयारी
कर रहा है ताकि निर्यात पर प्रतिबंध
लगने की स्थिति से बचा जा सके।
 






