Hamid Karzai: हामिद करजई, अफगानिस्तान के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति, जिन्होंने 2004 से 2014 तक देश का नेतृत्व किया। जानिए उनकी जीवन यात्रा, राजनीतिक संघर्ष, उपलब्धियां और अफगानिस्तान में उनके प्रभाव के बारे में।
Hamid Karzai: करजई का वैश्विक और क्षेत्रीय कूटनीति में योगदान
हामिद करजई ने अफगानिस्तान की वैश्विक और क्षेत्रीय कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारत समेत कई देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत किए और तालिबान के साथ संवाद स्थापित कर क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में प्रयास किए।अफगानिस्तान में उनके प्रभाव के बारे में।हामिद करजई ने अफगानिस्तान की वैश्विक और क्षेत्रीय कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने भारत, अमेरिका और अन्य महत्वपूर्ण देशों के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध स्थापित किए, जिससे अफगानिस्तान के लिए विदेशी सहायता और निवेश सुनिश्चित हुआ।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

2004 से 2014 तक देश का नेतृत्व किया। जानिए उनकी जीवन यात्रा,
राजनीतिक संघर्ष, उपलब्धियां और अफगानिस्तान में उनके प्रभाव के बारे में।
करजई का परिवार एक प्रमुख पश्तून खानदान से था।
उन्होंने भारत में शिक्षा ग्रहण की और राजनीति में रुचि विकसित की।
दौरान भूमिका
1980 के दशक में करजई सोवियत समर्थित सरकार के खिलाफ मुजाहिदीन के साथ जुड़े।
तालिबान और निर्वासन
शुरुआत में तालिबान का समर्थन करने के बाद करजई ने 1994 तक
उनमें से दूरी बना ली और पाकिस्तान में निर्वासन में चले गए।
राष्ट्रपति बनना
2001 में तालिबान के पतन के बाद करजई ने अंतरिम सरकार
संभाली और 2004 में पहले निर्वाचित राष्ट्रपति बने।
चुनौतियाँ
करजई को अपने कार्यकाल में अनेक आंतरिक संघर्षों, आतंकवाद, और
भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
वैश्विक कूटनीति में योगदान
उन्होंने अमेरिका समेत अन्य देशों के साथ संबंध बनाए और
क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रयास किए।
जीवन और विरासत
2014 में अपना पद छोड़ने के बाद भी करजई अफगान
राजनीति में प्रभावी बने रहे और देश के लिए काम करते रहे।