Kader Khan : राइटर से कॉमेडी किंग तक, कादर खान की जिंदगी में छुपे हैं कई अनकहे राज़, अनमोल उपलब्धियां और संघर्ष की अनसुनी दास्तां। पढ़िए बॉलीवुड के इस महान कलाकार की अनजानी कहानियाँ और पर्दे के पीछे की सच्चाई।
Kader Khan : राइटर से कॉमेडी किंग: बॉलीवुड आइकन कादर खान की जिंदगी के छुपे हुए राज़, संघर्ष और कामयाबी की कहानी
कादर खान… एक ऐसा नाम, जिसने बॉलीवुड को व्याकरण से लेकर अभिनय की बारिकियों तक, हर पहलू में अपना अमिट योगदान दिया। उनकी जिंदगी एक साधारण इंसान से लेकर फिल्म इंडस्ट्री के “डायलॉग किंग” और “कॉमेडी किंग” बनने तक की प्रेरणादायक यात्रा रही है। आइए विस्तार से जानते हैं उनके जीवन के अनसुने पहलुओं, कठिन संघर्षों और शानदार कामयाबी की कहानी।
बचपन और संघर्ष

कादर खान का जन्म 1937 में काबुल, अफगानिस्तान में हुआ था। उनका बचपन बेहद मुश्किलों में बीता।
मुंबई के कमाठीपुरा जैसे संकरी गलियों में रहकर उन्होंने कई बार बेरोजगारी और गरीबी देखी।
उनका बचपन मेहनत और संघर्ष से भरा रहा। उनकी मां ने उन्हें शिक्षा का महत्व समझाया और यही सलाह उनकी जिंदगी
बदलने वाली साबित हुई।
शिक्षा और शुरुआती करियर
उन्होंने मुंबई के इस्माइल युसुफ कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की।
वे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर भी बने।
कक्षा में अभिनय करके बच्चों को पढ़ाने का तरीका उन्हें बहुत पसंद था। धीरे-धीरे उनका रुझान थिएटर और अभिनय की ओर
बढ़ा।
फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री
कादर खान को पहला ब्रेक मिला “जवानी दीवानी” (1972) फिल्म में डायलॉग लिखने से।
इसके बाद वे अमिताभ बच्चन, गोविंदा, जितेन्द्र जैसे सुपरस्टार्स के लिए ज़बरदस्त डायलॉग्स लिखने लगे।
उन्होंने “शोले”, “अमर अकबर एंथनी”, “कुली”, “नसीब”, “मुकद्दर का सिकंदर” जैसी फिल्मों के यादगार संवाद लिखे, जो आज
भी दर्शकों के दिलों में बसे हैं।
अभिनेता के तौर पर पहचान
एक लेखक के रूप में नाम कमाने के बाद, कादर खान ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा।
वे 300 से ज्यादा फिल्मों में नजर आए — कभी विलेन, कभी कॉमेडियन, कभी इमोशनल सीन में पिता या दादा के रोल में।
उनकी कॉमेडी टाइमिंग और उनके द्वारा बोले गए डायलॉग्स आज भी लोगों को हँसाते हैं।
गोविंदा के साथ उनकी जोड़ी सुपरहिट रही, खासकर “कुली नंबर 1”, “राजा बाबू”, “हीरो नंबर 1” जैसी हिट फिल्मों में।
व्यक्तिगत जीवन और अनसुनी बातें
कादर खान अपनी निजी जिंदगी को बाहरी दुनिया से दूर रखते थे।
कम लोग जानते हैं कि वे अपने बेटे के साथ कनाडा में रहते थे। उन्हें पढ़ना-लिखना, साहित्य और सोशल सर्विस में विशेष रुचि
थी।
कामयाबी और विरासत
कादर खान ने बॉलीवुड को ऐसे संवाद और किरदार दिए हैं, जो सदियों तक याद किए जाएंगे।
उन्हें “डायलॉग किंग”, “कॉमेडी किंग”, “स्क्रिप्ट गुरु” जैसे नाम दिए गए। 2013 में उन्हें साहित्य शिरोमणि अवॉर्ड से सम्मानित
किया गया।
उनके योगदान ने हिंदी सिनेमा को नई ऊँचाइयाँ दी और उन्हें करोड़ों दर्शकों के दिल में अमर बना दिया।