मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025 साल की आखिरी पर तुलसी चालीसा पाठ से धन-धान्य भरेगा घर। चंद्रोदय PM, लक्ष्मी पूजन मुहूर्त, जानें पूजा विधि व लाभ।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर तुलसी चालीसा महत्व
2025 को मनाई जाएगी, जिसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन तुलसी पूजा और चालीसा पाठ से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, धन-समृद्धि बढ़ती है तथा जीवन की परेशानियां दूर होती हैं। तुलसी चालीसा 40 पदों का भजन है जो तुलसी माता के गुणों, विष्णु भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति का गुणगान करता है। मार्गशीर्ष मास में, जो भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय है, इस चालीसा का पाठ करने से घर का वातावरण शुद्ध होता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
पूर्णिमा तिथि विवरण

सुबह 8:37 से 5 दिसंबर सुबह 4:43 तक, व्रत को। मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025 को साल की आखिरी पूर्णिमा है,
तुलसी चालीसा लाभ
तुलसी चालीसा पाठ से लक्ष्मी कृपा, धन भंडार भरेगा। जो बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है। जो घर-आंगन में सुख, समृद्धि और भौतिक-आध्यात्मिक सम्पन्नता लेकर आता है।
चंद्रोदय समय
चंद्रोदय शाम 4:35 बजे, जल अर्घ्य दें। इस दिन तुलसी चालीसा पाठ से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, तुलसी तुल्य तुलसी चालीसा का जप व पाठ करते हुए भगवान तुलसीदास जी की भक्ति का अनुभव होता है,
स्नान दान मुहूर्त
सुबह 5:10-6:04 स्नान, रवि योग शुभ। घर धन-धान्य से भर जाता है।
इस दिन तुलसी चालीसा का पाठ विशेष फलदायी माना जाता है।
लक्ष्मी पूजन विधि
तुलसी पूजा, चालीसा पाठ, नैवेद्य अर्पण। पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर सुबह
8:37 बजे से शुरू होकर 5 दिसंबर सुबह 4:43 तक रहेगी।
दान सामग्री
गुड़, तिल, घी, कम्बल दान से पुण्य। होकर 5 दिसंबर सुबह 4:43 तक रहेगी।
मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा, जो साल की आखिरी पूर्णिमा होती है,
हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
राशि अनुसार उपाय
सभी राशि वालों को तुलसी पूजा से सुख।
तुलसी चालीसा का पाठ मार्गशीर्ष मास में विशेष फलदायी है,
नकारात्मक ऊर्जा दूर कर










