उत्तराखंड में नैनी सैनी एयरपोर्ट के पर्वतीय क्षेत्र पिथौरागढ़ में नैनी सैनी एयरपोर्ट का विस्तार स्थानीय युवाओं के रोजगार और पर्यटन को नई दिशा देने वाला कदम है। इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, व्यापार, संस्कृति और स्वास्थ्य सुविधाओं में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।
उत्तराखंड में नैनी सैनी एयरपोर्ट विस्तार सीमांत जिले के विकास की नई उड़ान
#उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में नैनी सैनी एयरपोर्ट के विस्तार से पर्यटन और हवाई संपर्क को नई गति मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को नया आयाम मिलेगा। इसके उच्चीकरण से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर और अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र को बेहतर सुरक्षा मिलेगी।
एयरपोर्ट विस्तार का ऐतिहासिक MoU

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और उत्तराखंड सरकार के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ है। यह पर्वतीय अंचलों में सुरक्षित एवं टिकाऊ हवाई संपर्क का मार्ग प्रशस्त करता है।
रोजगार के नये अवसर
एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से निर्माण, संचालन और रखरखाव कार्यों में स्थानीय युवाओं को नए रोजगार मिलेंगे। सरकार ने भूमि देने वाले लोगों को भी नौकरी देने का वादा किया है।
पर्यटन उद्योग को मिलेगा प्रोत्साहन
हवाई संपर्क बेहतर होने से ओम पर्वत, कैलाश
मानसरोवर यात्रा, पंचाचुली, मिलम ग्लेशियर और
आसपास के धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटन स्थलों पर लोगों की
पहुंच आसान हो जाएगी। इससे पर्यटन को बड़ा लाभ मिलेगा।
व्यापार और आर्थिक विकास
व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आतिथ्य सेवाओं
के लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे स्थानीय
व्यवसायियों को नए अवसर मिलेंगे और
अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
एयरपोर्ट की संरचना व सुविधाएँ
नैनी सैनी एयरपोर्ट लगभग 70 एकड़ में फैला है,
40 यात्रियों के लिए टर्मिनल और दो विमानों के एप्रन
की सुविधा उपलब्ध है। रनवे का विस्तार
होने से 72 सीटर विमान भी उड़ान भर सकेंगे।
आपदा प्रबंधन व राहत कार्य
विस्तारित हवाई पट्टी आपदा के समय राहत
एवं बचाव कार्यों में मददगार होगी। हेली कनेक्टिविटी
मजबूत होने से हिमालयी क्षेत्र में सुरक्षा व सहायता तेज होगी।
सांस्कृतिक और सामाजिक बदलाव
एयरपोर्ट के विस्तार से स्थानीय कला, संस्कृति
एवं विरासत को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र के सामाजिक
जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
यह उत्तराखंड के विकास का नया मील का पत्थर है।







