Phoebe Adele Gates : Bill Gates की बेटी Phoebe Adele Gates ने सिर्फ वारिस बनने की बजाय खुद की पहचान बनाई है—Stanford से ग्रेजुएट, AI‑fashion startup Phia की को‑फाउंडर, और women’s rights की फियरलेस वॉयस। अरबों की फैमिली वेल्थ के बावजूद, Phoebe ने अपनी कंपनी के लिए 6 लाख डॉलर से ज्यादा फंड बिना पैरेंट्स की मदद के raise किए और खुद के दम पर हासिल किया स्टार्टअप सक्सेस व ग्लोबल recognition। जानिए Phoebe की रॉयल लाइफस्टाइल, स्मार्ट बिजनेस और पर्सनल ब्रांड की पूरी कहानी इस एक्सक्लूसिव फीचर में
Phoebe Adele Gates : Phoebe Gates: सफलता, स्टाइल और खुद को साबित करने की कहानी—Bill Gates की बेटी का नया चेहरा
Bill Gates Phoebe Gates ने Stanford से ग्रेजुएट होकर खुद की AI-fashion startup Phia की शुरुआत की, अपनी पहचान और सफलता परिवार की अरबों की संपत्ति से अलग खुद के दम पर बनाई।
वो women’s rights की एक्टिव वॉइस और स्मार्ट बिजनेस स्ट्रैटेजी से ग्लोबल recognition हासिल कर चुकी हैं, अपनी स्टाइल और इनोवेशन से नई पीढ़ी के लिए मिसाल बनी हैं।
पारिवारिक पृष्ठभूमि

Phoebe Adele Gates, Microsoft के को-फाउंडर Bill Gates और
Melinda French Gates की सबसे छोटी बेटी हैं।
अरबों डॉलर की फैमिली वेल्थ के बावजूद, वो अपनी पहचान खुद बनाने पर फोकस करती हैं।
शिक्षा और करियर की शुरुआत
Phoebe ने Stanford University से पढ़ाई की और टेक्नोलॉजी व फैशन में खास रुचि दिखाई।
यहीं से उनकी उद्यमिता की यात्रा की नींव पड़ी।
स्टार्टअप ‘Phia’
वो AI‑fashion startup Phia की को‑फाउंडर हैं,
जो टेक्नोलॉजी और फैशन को इनोवेटिव तरीके से जोड़ता है।
इस स्टार्टअप के लिए उन्होंने बिना पैरेंट्स की मदद के लाखों डॉलर फंड जुटाया।
खुद की पहचान बनाना
Phoebe ने अरबपति वारिस होने के टैग से बाहर निकलकर एक एंटरप्रेन्योर के रूप में पहचान बनाई।
उनका फोकस हमेशा खुद के दम पर सफलता हासिल करने पर रहा है।
लाइफस्टाइल और पर्सनल ब्रांड
Phoebe का लाइफस्टाइल ग्लैमरस और मॉडर्न है, लेकिन उसमें सादगी और पर्पस भी झलकता है।
सोशल मीडिया पर उनका फैशन सेंस और बिज़नेस अपडेट्स हमेशा चर्चा में रहते हैं।
सामाजिक योगदान
वो महिलाओं के अधिकार, शिक्षा और जेंडर इक्विटी पर खुलकर अपनी बात रखती हैं।
Phoebe इन मुद्दों पर ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भी एक्टिव रहती हैं।
प्रेरणा और भविष्य की योजनाएं
उनकी कहानी आज की युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल है कि कैसे विरासत से ज्यादा खुद की मेहनत मायने रखती है।
भविष्य में वो अपनी कंपनी को इंटरनेशनल लेवल पर ले जाने की योजना बना रही हैं।