तेजस्वी ने लालटेन छाप बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में दरभंगा की गौड़ाबौराम सीट पर तेजस्वी यादव ने “लालटेन छाप” वाले प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार किया, जबकि राजद प्रत्याशी अफजल अली खान की अनदेखी की। इस सीट पर गजब की राजनीतिक रणनीति और माथापच्ची देखने को मिल रही है।
तेजस्वी ने लालटेन छाप की गौड़ाबौराम सीट पर “लालटेन छाप” वाले प्रत्याशी को समर्थन, अफजल अली खान का हुआ विरोध
#तेजस्वी यादव ने गौड़ाबौराम सीट पर “लालटेन” वाले प्रत्याशी का समर्थन किया है, जबकि अफजल अली खान का विरोध किया है।यह दबाव वाली स्थिति है, जिसमें तेजस्वी ने अपने ही पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करने का फैसला लिया है।
गढ़ेबौराम सीट की राजनीतिक पटल पर मुकाबला

गौड़ाबौराम सीट पर राजद और वीआईपी के बीच दोस्ताना टक्कर से शुरुआत हुई, लेकिन बाद में स्थिति बदल गई।
अफजल अली खान की स्थिति
राजद प्रत्याशी अफजल अली खान के खिलाफ तेजस्वी यादव ने एक बार भी उनका नाम नहीं लिया, जो जनता और राजनीतिक जानकारों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया।
वीआईपी प्रत्याशी को मिला समर्थन
तेजस्वी यादव ने खुले तौर पर वीआईपी के संतोष
सहनी को जीताने की अपील की, जिससे साफ
संकेत मिला कि राजद अंदरूनी तौर पर मतभेदों से जूझ रहा है।
लालू यादव और चुनाव आयोग का हस्तक्षेप
लालू यादव ने अफजल अली खान को चुनाव से हटाने
के लिए चुनाव आयोग से कदम उठाने की
कोशिश की, लेकिन अफजल खां मैदान में डटे रहे।
सोशल मीडिया में चर्चा
तेजस्वी का यह विवादित निर्णय और “लालटेन छाप”
का जिक्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है,
कुछ आलोचक इसे दबाव की राजनीति का हिस्सा मान रहे हैं।
राजद के भीतर सवाल
अफजल अली खान की पार्टी में मौजूदगी को लेकर सवाल उठ रहे हैं
कि आखिर वह पार्टी में क्यों बरकरार हैं जबकि दूसरी
विवादित स्थिति वाले नेताओं को बाहर किया गया।
आगे की राजनीतिक रणनीति
इस सीट की रणनीति पूरे बिहार चुनाव की राजनीति को
प्रभावित कर सकती है, यह ध्यान रखना होगा कि
आगे इस संघर्ष का क्या परिणाम निकलता है।







