वोटिंग के लिए निकले 95 वर्षीय बुजुर्ग हरिहर सिंह की पोलिंग बूथ से पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई, उनकी अंतिम चुनावी इच्छा अधूरी रह गई।
वोटिंग के लिए निकले बुजुर्ग की मौत, लोकतंत्र के प्रति उनकी निष्ठा रही प्रेरणादायक।
#वोटिंग के लिए निकले बुजुर्ग हरिहर सिंह की बूथ पहुंचने से पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई, जिससे उनकी आखिरी इच्छा अधूरी रह गई। उनकी लोकतंत्र के प्रति निष्ठा हर किसी के लिए प्रेरणादायक है उनका जीवन लोकतंत्र के प्रति गहरी आस्था और भागीदारी का प्रतीक बन गया है। इस मार्मिक कथा से यह संदेश मिलता है कि हर मतदाता का योगदान पूरे देश की ताकत है। इस प्रकार की घटनाएं समाज को जागरूक करती हैं कि वे अपने अधिकार का प्रयोग करें और लोकतंत्र की रक्षा करें। बुजुर्गों की सुरक्षा और सुविधा के लिए चुनाव आयोग को और बेहतर इंतजाम करने की जरूरत है ताकि उनकी सहभागिता सुनिश्चित हो सके
दर्दनाक घटना का परिचय

रोहतास जिले के सासाराम विधानसभा क्षेत्र के करसेरुआ पंचायत के खैरा गांव में 95 वर्षीय बुजुर्ग हरिहर सिंह चुनाव में हिस्सा लेने के लिए मतदान केंद्र की ओर निकले, लेकिन बूथ से कुछ दूरी पर ही उनका निधन हो गया।
चुनाव में उत्साह और निष्ठा
स्वास्थ्य की खराब स्थिति के बावजूद उन्होंने वोटिंग करने की इच्छा जारी रखी, जो लोकतंत्र के प्रति उनकी गहरी आस्था को दर्शाता है।
परिवार की प्रतिक्रिया
परिवार ने बताया कि बुजुर्ग ने कुछ दिन पहले
ही स्पष्ट रूप से कहा था कि वे इस चुनाव में
जरूर मतदान करेंगे। उनकी मौत से परिवार में भारी शोक व्याप्त है।
गांव का माहौल
यह घटना गांव में एक बड़ी संवेदनशीलता
लेकर आई, जहां लोगों ने बुजुर्ग की लोकतंत्र
के प्रति प्रतिबद्धता को याद किया।
लोकतंत्र का संदेश
उनका जीवन लोकतंत्र में भागीदारी और
अपने अधिकार के प्रति जिम्मेदारी निभाने का उदाहरण बन गया।
चुनाव के दौरान स्वास्थ्य संबंधी सावधानी
वृद्ध मतदाताओं की सुरक्षा और चुनाव
प्रक्रिया में उनकी सुविधा के लिए बेहतर इंतजाम जरूरी हैं।
अंतिम विदाई और सम्मान
बुजुर्ग का अंतिम संस्कार और समाज में
उनकी यादें लोकतंत्र के प्रति उनके समर्पण
को सदैव जीवित रखेंगी।







