PM Kisan किस्त PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त जारी, किसानों के खाते में सीधा पैसा पहुंचा। अभी नाम चेक करें और लाभ का फायदा उठाएं।
PM Kisan किस्त योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
#PM Kisan Yojana एक केंद्र सरकार की योजना है जो किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसमें छोटे और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 की वित्तीय मदद सीधे उनके बैंक खातों में तीन बार में वितरित की जाती है। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने, खेती की आवश्यकताओं को पूरा करने, और ऋण पर निर्भरता कम करने के लिए लाभकारी है। यह योजना सरकार के द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित है और किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने का मकसद रखती है
21वीं किस्त कब और कैसे जारी होगी

पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त किसानों के खातों में अक्टूबर 2025 के अंत तक या दिवाली से पहले आने की संभावना है। कुछ राज्यों जैसे पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में यह किस्त पहले ही जारी हो चुकी है। बाकी राज्यों के किसानों के लिए भी जल्द पैसा ट्रांसफर होगा।
किस्त के लिए पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
इस किस्त का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा जिनका e-KYC तथा बैंक अकाउंट सही ढंग से अपडेट है। आधार, आईएफएससी और बैंक अकाउंट नंबर ठीक होना अनिवार्य है।
पैसा खाते में आया या नहीं, नाम और स्टेटस चेक कैसे करें
किसानों को अपने नाम और भुगतान की स्थिति फसलशील प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर ‘फार्मर्स कॉर्नर’ में ‘बेनेफिशियरी स्टेटस’ से चेक करनी चाहिए।
मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल कैसे अपडेट करें
अगर मोबाइल नंबर या बैंक डिटेल गलत है तो किसान pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाकर
‘अपडेट मोबाइल नंबर’ या ‘बैंक डिटेल अपडेट’
ऑप्शन से इसे तुरंत सुधार सकते हैं।
योजना के अगले कदम क्या होंगे
21वीं किस्त के बाद सरकार अगले साल की पहली किस्त की तैयारी करेगी।
किसानों को समय-समय पर अपने दस्तावेज अपडेट करते रहना चाहिए ताकि
भुगतान में कोई बाधा न आए।
किसानों को कितनी मदद मिलेगी
इस किस्त के ₹2000 सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर होंगे, जिससे खेती
के खर्च, बीज, खाद और अन्य जरुरतों के लिए
आर्थिक मदद प्राप्त होती है।
पीएम किसान योजना की पूरी प्रक्रिया और लाभ
यह योजना छोटे और सीमांत किसानों की आर्थिक ताकत बढ़ाने के लिए है
जिसमें सरकार सालाना ₹6000 की सीधे सहायता करती है।
इससे किसानों की आय में सुधार आता है और वे खेती-किसानी बेहतर तरीके से कर पाते हैं।