अनिल अंबानी पर गहराया संकट, पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, 3000 करोड़ से अधिक की संपत्ति की जब्ती।
अनिल अंबानी पर गहराया संकट, रिलायंस ग्रुप की कई प्रमुख संपत्तियां ED ने की फ्रीज, बैंक फ्रॉड और फंड डायवर्जन की जांच तेज।
#अनिल अंबानी और उनके रिलायंस ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संकट गहराता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 3000 करोड़ से अधिक की संपत्तियों को जब्त कर फ्रीज कर दिया है। इनमें अनिल अंबानी का मुंबई के पाली हिल स्थित बंगला, दिल्ली का रिलायंस सेंटर, और देश के कई बड़े शहरों में फ्लैट, प्लॉट और ऑफिस शामिल हैं। यह कार्रवाई यस बैंक लोन धोखाधड़ी और फंड डायवर्जन मामले में की गई है।
अनिल अंबानी पर मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा केस

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी और उनके रिलायंस समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तगड़ी कार्रवाई की है। ED ने ₹3,000 करोड़ से अधिक की संपत्तियों को जब्त कर लिया है, जो मुंबई, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और कई अन्य शहरों में फैली हुई हैं।
ED की जांच की शुरुआत और तलाशी अभियान
जुलाई 2025 में ED ने अनिल अंबानी समूह के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस छापेमारी में मुंबई के पाली हिल स्थित आवास समेत रिलायंस कम्युनिकेशन और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के ऑफिस शामिल थे। अब तक 40 से अधिक संपत्तियां जब्त हुई हैं।
3000 करोड़ के ऋण घोटाले की गुत्थी
ED के सामने आया है कि अनिल अंबानी की कंपनियों ने
बैंकों से लिए गए ऋणों का गलत इस्तेमाल किया।
विशेषतः Yes Bank से ₹3000 करोड़ का लोन उधार लिया गया,
जिसे कथित तौर पर दूसरी कंपनियों में घुमाया गया।
इसके लिए बैंक अधिकारियों और
प्रमोटर्स को कथित रिश्वत देने का आरोप भी है।
जब्त संपत्तियों का विवरण
जब्त संपत्तियों में मुंबई के पांच सितारा आवास, दिल्ली का
रिलायंस सेंटर, नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई
(कांचीपुरम सहित) और पूर्वी गोदावरी की संपत्तियां शामिल हैं।
ये आवासीय इकाइयां, ऑफिस कॉम्प्लेक्स और भूमि के भूखंड हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई
ED ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की धारा
5(1) के तहत 31 अक्टूबर 2025 को जारी आदेशों के तहत की है।
गिरफ्त में आई संपत्तियां अस्थाई रूप
से अटैच की गई हैं और जांच अभी जारी है।
आरोप और जांच की गहराई
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि अनिल अंबानी समूह की वित्तीय
कंपनियों ने जनता और बैंकों से लिए गए करोड़ों रुपये के पैसों का गलत
और धोखाधड़ी भरा इस्तेमाल किया। ED की जांच में
इंडस्ट्रियल धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी और वित्तीय
अनियमितताओं के कई आरोप सामने आए हैं।
अनिल अंबानी की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं
हालांकि अनिल अंबानी को कुछ दिनों पहले केनरा बैंक ने राहत दी थी,
जिसके तहत उनके लोन खाते को ‘फ्राड’ टैग से हटा लिया गया,
परंतु ED की बड़ी कार्रवाई से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
आगे की जांच और कोर्ट की
कार्यवाही के आधार पर स्थिति स्पष्ट होगी।








