Danny Denzongpa : बॉलीवुड के सबसे डेंजर विलेन डैनी डेंजोंगपा की लाइफ में छुपे हैं संघर्ष, मेहनत और सुपरहिट फिल्मों के अनसुने राज़। जानिए डैनी के फिल्मी सफर, हिट रोल्स और उनकी ज़िंदगी के रोमांचक किस्से, जो उन्हें इंडस्ट्री का आइकन बनाते हैं।
Danny Denzongpa : डैनी डेंजोंगपा बॉलीवुड के खतरनाक विलेन की जिंदगी, संघर्ष और सुपरहिट किरदारों की अनसुनी दास्तां
डैनी डेंजोंगपा, जिनका असली नाम छेरिंग फिंतसो डेंजोंगपा है, भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सबसे दमदार और यादगार विलेन की पहचान रखते हैं। उनका करियर संघर्ष, मेहनत और बेहतरीन अभिनय से भरा हुआ है। डैनी न सिर्फ विलेन, बल्कि बहुमुखी कलाकार के रूप में भी बॉलीवुड में मशहूर हैं।
शुरुआती जीवन और संघर्ष

डैनी डेंजोंगपा का जन्म 25 फरवरी 1948 को सिक्किम के गंगटोक में हुआ।
उन्होंने अपनी पढ़ाई दार्जीलिंग और फिर पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से पूरी की।
एक्टिंग में उनकी दिलचस्पी स्कूल-कॉलेज के दिनों से ही थी।
शुरुआती करियर में उन्हें अपने लुक्स और आवाज़ की वजह से कई बार रिजेक्शन भी झेलना पड़ा, पर उन्होंने हार नहीं मानी
और मेहनत जारी रखी।
फिल्मी सफर की शुरुआत
1971 में फिल्म “जहरिला इंसान” से बॉलीवुड में एंट्री करने वाले डैनी को शुरुआती वर्षों में ही विलेन और कैरेक्टर रोल्स मिलने
लगे। उनका अंदाज, दमदार आवाज और एक्टिंग स्किल्स इतनी जबरदस्त थी
कि वे जल्द ही बड़े डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स की पसंद बन गए।
सुपरहिट विलेन किरदार
डैनी डेंजोंगपा को “खतरनाक विलेन” की पहचान मिली फिल्मों जैसे—
“कांचा चीना” (अग्निपथ)
“बक्शी साहब” (कातिल)
“शैतान” (राजू बन गया जेंटलमैन)
“कुलिया” (कृांति)
“अर्जुन सिंह” (क्रांतिकारी)
इन रोल्स में उनकी पर्सनैलिटी, उपस्थित आवाज और घातक अंदाज ने दर्शकों को डराया भी और उनका दिल भी जीता।
बहुमुखी टैलेंट
डैनी ने न सिर्फ बॉलीवुड, बल्कि नेपाली, बंगाली और तमिल फिल्मों में भी शानदार काम किया है।
वे एक बेहतरीन गायक, डायरेक्टर और फिल्म प्रोड्यूसर भी हैं।
उनका निर्देशित “फिर वही रात” हिंदी हॉरर फिल्मों की लिस्ट में टॉप पर माना जाता है।
सम्मान और विरासत
2003 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। डैनी डेंजोंगपा बॉलीवुड के सबसे स्टाइलिश और पावरफुल विलेन रहे हैं। उनकी दमदार एक्टिंग और लाइफ जर्नी आज भी कई युवाओं के लिए प्रेरणा है।