शर्मनाक शिमला में आठ साल के एक सरकारी स्कूल में आठ साल के दलित छात्र के साथ शिक्षकों द्वारा बर्बरता का मामला सामने आया है। पैंट में बिच्छू डालने सहित हेडमास्टर और दो शिक्षकों को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई है।
शर्मनाक शिमला में आठ साल में दलित छात्र के साथ क्रूरता हेडमास्टर और दो शिक्षक निलंबित, पुलिस ने दर्ज की FIR
शिमला के एक सरकारी स्कूल में आठ साल के दलित छात्र के साथ बर्बरता का मामला सामने आया है, जिसमें पैंट में बिच्छू डालने सहित शारीरिक प्रताड़ना के आरोप लगे हैं। हेडमास्टर और दो शिक्षकों को निलंबित कर पुलिस ने FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
मामले का प्रारंभ

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू उपमंडल स्थित खड्डापानी इलाके के सरकारी स्कूल में एक आठ वर्षीय दलित छात्र के साथ शिक्षकों द्वारा अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया।
शिक्षकों की दरिंदगी
स्कूल के हेडमास्टर देवेंद्र, शिक्षक बाबू राम और शिक्षिका
कृतिका ठाकुर ने बच्चे को लगातार पीटा, इतना
कि उसके कान से खून बहने लगा और कान का पर्दा फट गया।
बिच्छू डालने का सनसनीखेज तरीका
एक घटना में शिक्षकों ने बच्चे की पैंट में जिंदा बिच्छू
डाल दिया, जिससे छात्र अत्यंत डरा हुआ और भयभीत हो गया।
जातिगत भेदभाव
पिता ने आरोप लगाया कि स्कूल में दलित और अन्य पिछड़े
वर्ग के बच्चों के साथ भेदभाव होता था,
जैसे कि खाने के समय अलग बैठाना।
कानूनी कार्रवाई
शिकायत पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, किशोर न्याय
अधिनियम और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण)
अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हेडमास्टर और दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है
और घटनाक्रम की जांच उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट की गई है।
सामाजिक और मानवीय प्रभाव
यह मामला शिक्षा व्यवस्था की कमज़ोरियों और हमारे
समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव की गंभीर समस्या
को उजागर करता है। इसे रोकने के लिए
कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।





