दिल्ली-एनसीआर में GRAP-3 में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते GRAP-3 लागू कर कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए स्कूलों को हाइब्रिड मोड में चलाने का आदेश दिया गया है। सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
दिल्ली-एनसीआर में GRAP-3 के छोटे छात्रों के लिए स्कूल सेंशनल बदलाव, पढ़ाई ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से
#दिल्ली-एनसीआर में GRAP-3 लागू होने के बाद कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए स्कूलों में पढ़ाई हाइब्रिड मोड में संचालित होगी। माताओं-पिताओं को विकल्प मिलेगा कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें या घर पर ऑनलाइन पढ़ाई कराएं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए GRAP-3 लागू कर कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए स्कूलों में हाइब्रिड मोड में पढ़ाई का आदेश जारी किया गया है। इस व्यवस्था के तहत बच्चे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पढ़ाई कर सकते हैं, जिससे उनकी सेहत की सुरक्षा की जा सके।
GRAP-3 क्या है

GRAP (Graded Response Action Plan) का तीसरा चरण प्रदूषण का उच्चतम स्तर दर्शाता है, जब विशेष सुरक्षा उपाय लागू होते हैं।
हवा की गुणवत्ता का स्तर
दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है, AQI 400 से ऊपर पहुंच चुका है,
जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
स्कूलों में हाइब्रिड मोड का आदेश
कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के हाइब्रिड मोड से
संचालित करने का निर्देश दिया गया है।
सुरक्षा उपाय और सरकार की भूमिका
सरकार ने प्रदूषण से बच्चों की सुरक्षा के लिए
मास्क अनिवार्य करने, इंडोर एक्टिविटीज
बढ़ाने जैसे कई उपाय किए हैं।
प्रभाव क्षेत्र
यह नियम सभी सरकारी, सरकारी सहायता
प्राप्त, और निजी स्कूलों पर लागू होगा।
अन्य प्रभाव
सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम, निर्माण
कार्यों पर रोक, और परिवहन नियंत्रण
भी इस योजना का हिस्सा हैं।
भविष्य की संभावनाएं
प्रदूषण में सुधार पर ही इन नियमों में ढील दी
जाएगी, तब तक कड़े नियमों का पालन अनिवार्य रहेगा।







