पोस्टमार्टम रिपोर्ट से झटका दुलारचंद यादव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ सनसनीखेज खुलासा मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि हार्ट अटैक और कुचलने से हुई है। जानिए हत्या के नए पहलू और जांच की पूरी स्थिति।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से झटका के अनुसार दुलारचंद यादव की मौत गोली नहीं बल्कि सीने पर पड़ने वाली गंभीर चोटों और हार्ट अटैक की वजह से हुई।
#पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, दुलारचंद यादव की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि सीने पर पड़े गंभीर चोटों और हार्ट अटैक के कारण हुई। इस मामले में उनके पैर में गोली लगी थी, लेकिन मृत्यु का कारण वह नहीं थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया

मोकामा विधानसभा क्षेत्र के तारतर गांव में 30 अक्टूबर को हुई दुलारचंद यादव की हत्या ने बिहार के राजनीतिक और सामाजिक माहौल में हलचल मचा दी है। शुरुआती रिपोर्ट में गोली लगने की बात कही गई थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इस धारणा को पूरी तरह बदल दिया है।
पोस्टमार्टम का महत्वपूर्ण खुलासा
तीन डॉक्टरों की टीम ने किए गए पोस्टमार्टम में पाया कि दुलारचंद यादव के दाहिने पैर में गोली लगी थी, लेकिन यह मौत का कारण नहीं थी। मुख्य वजह हार्ट अटैक और उनके सीने पर किसी भारी वस्तु या वाहन से कुचलने से लगी चोटें थीं, जिनमें पसलियां टूट गई थीं और फेफड़े फट गए थे।
परिजनों और जांच की सहमति में फर्क
दुलारचंद यादव के परिवार वाले पोस्टमार्टम रिपोर्ट को मानने को तैयार नहीं हैं। उनका दावा है कि गोली मारी गई और असली सच्चाई को छुपाया जा रहा है। जांच एजेंसियां वीडियो फुटेज और गवाहों के बयान से सच्चाई तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
राजनीतिक गहराई और जांच की स्थिति
हत्या के आरोप में अनंत सिंह और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि पुलिस और सीआईडी इस मामले की जांच जारी रखे हुए हैं। कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और आरोपी पुलिस रिमांड पर हैं। पुलिस हत्या के हथियार और घटना में प्रयुक्त वाहन की तलाश कर रही है।
मामले की संवेदनशीलता
यह घटना बिहार की राजनीतिक पटल पर बड़े राजनीतिक
दलों के बीच चुनाव प्रचार के दौरान हुई हिंसा
की एक गर्भित तस्वीर है। यह हत्या मामले में हो रही
कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रिया राज्य के
आगामी चुनाव परिणामों को भी प्रभावित कर सकती है।
निष्कर्ष
दुलारचंद यादव हत्याकांड ने हत्या के स्वरूप
और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के नए तथ्यों को सामने लाकर एक जटिल राजनीतिक
और सामाजिक समस्या को उजागर किया है।
जांच के अंतिम परिणाम अभी आने बाकी हैं, लेकिन यह मामला बिहार
में कानून व्यवस्था और राजनीतिक तनाव पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
सुझाव
लोगों को जांच प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए
और निष्पक्ष न्याय की उम्मीद रखनी चाहिए।
इस प्रकार की संवेदनशील घटनाओं में अफवाहों से बचना
और आधिकारिक जानकारी का इंतजार करना आवश्यक होता है।










