प्रयागराज माघ मेला 2026 के ठेका विवाद में साधु-संतों ने मांग की है कि मेला क्षेत्र में केवल हिंदू ठेकेदारों को ही काम सौंपा जाए। उनका कहना है कि गैर-सनातनी ठेकेदार मेला की धार्मिक पवित्रता और आस्था को प्रभावित कर सकते हैं।
प्रयागराज माघ मेला 2026 साधु-संतों की मांग केवल हिंदू ठेकेदारों को काम मिले
#प्रयागराज माघ मेला 2026 में साधु-संतों की मांग है कि मेले के ठेके केवल हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन धर्मावलंबी ठेकेदारों को ही दिए जाएं। उनका कहना है कि मेला एक पवित्र आयोजन है, जिसमें गैर-सनातनी ठेकेदार धार्मिक परंपराओं और पवित्रता को बनाए रखने में सक्षम नहीं होते।
माघ मेला 2026 की तैयारियाँ और ठेका विवाद

प्रयागराज में जनवरी 2026 में लगने वाले माघ मेले के लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं, लेकिन ठेका विवाद भी उभर रहा है। साधु-संतों ने प्रशासन से साफ कहा है कि मेला क्षेत्र में केवल सनातन धर्म का सम्मान करने वाले ही ठेकेदार और दुकानदार होने चाहिए।
साधु-संतों की मांग
साधु-संतों का कहना है कि माघ मेला आस्था का पवित्र महापर्व है,
इसलिए गैर-सनातन धर्मावलंबियों को मेले के ठेके नहीं मिलने चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि ठेके केवल हिंदू, सिख, बौद्ध, और जैन धर्मावलंबियों को ही दिए जाएं।
धार्मिक और सांस्कृतिक पवित्रता की रक्षा
संतों ने बताया कि माघ मेला सनातन धर्म की रक्षा के लिए आयोजित होता है
और उसमें मेला क्षेत्र की पवित्रता बरकरार रखनी जरूरी है। गैर-सनातन ठेकेदार मेले की धार्मिक
भावना और पवित्रता को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
प्रशासन का रुख और चुनौती
सरकार और मेल प्राधिकरण ने संतों की मांगों को गंभीरता से लिया है,
लेकिन सभी वर्गों के हितों को संतुलित
करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
विरोध और आंदोलन की चेतावनी
साधु-संतों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे विरोध प्रदर्शन
और आंदोलन करने के लिए भी तैयार हैं।
मेला क्षेत्र में सुरक्षा और व्यवस्था
ठेका विवाद के बीच प्रशासन ने सुरक्षा, स्वच्छता,
यातायात और आवास की व्यवस्था
को और मजबूत करने का प्रावधान किया
है ताकि श्रद्धालु बिना
किसी बाधा के मेले का आनंद ले सकें।
निष्कर्ष धार्मिक भावना और प्रशासनिक संतुलन
माघ मेला 2026 में धार्मिक भावना और सांस्कृतिक पवित्रता की रक्षा के लिए
ठेका विवाद एक संवेदनशील मुद्दा है, जिसे शांतिपूर्ण
समाधान के साथ हल करना आवश्यक
है जिससे सभी की आस्था बनी रहे।





