यूपी वोटर आईडी कागजात उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने प्रशांत किशोर को दो वोटर आईडी कार्ड रखने के आरोप में नोटिस भेजा है। आयोग ने तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है।
यूपी वोटर आईडी कागजात यूपी में चुनाव आयोग ने प्रशांत किशोर को दो वोटर आईडी रखने के मामले में नोटिस जारी किया है।
उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने प्रशांत किशोर को दो वोटर आईडी कार्ड रखने के मामले में नोटिस भेजा है। आयोग ने तीन दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश जारी किया है।
विवाद की शुरुआत

उत्तर प्रदेश में वोटर आईडी से संबंधित एक गंभीर मामला सामने आया है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को नोटिस भेजा है। आरोप है कि उनके पास दो अलग-अलग वोटर आईडी मौजूद हैं।
चुनाव आयोग की जांच
आयोग के सूत्रों के अनुसार, रिकॉर्ड की जांच के दौरान दो वोटर आईडी पाए गए—एक बिहार के क्षेत्र से जुड़ा और दूसरा उत्तर प्रदेश से। इसे नियमों का उल्लंघन बताया गया है।
प्रशांत किशोर से मांगा गया जवाब
चुनाव आयोग ने उन्हें तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है कि आखिर दो अलग वार्डों की वोटर आईडी उनके पास कैसे आईं। यदि उचित जवाब नहीं मिला तो आगे की कार्रवाई की संभावना है।
कानूनी प्रावधान
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुसार, किसी व्यक्ति का एक ही जगह
पर वोटर रजिस्ट्रेशन वैध होता है। दोहरी वोटर आईडी बनवाना कानूनी अपराध है और दंडनीय भी है।
राजनीतिक हलचल
इस नोटिस के जारी होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
सोशल मीडिया पर समर्थक और विरोधी दोनों
पक्ष इसे लेकर अपनी राय दे रहे हैं।
प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया
हालांकि अभी तक प्रशांत किशोर की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है,
लेकिन उनके करीबियों का कहना है कि यह प्रशासनिक
त्रुटि हो सकती है, जानबूझकर नहीं।
आगे की कार्रवाई
अगले कुछ दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग का अगला कदम क्या होता है।
यदि आरोप साबित होते हैं, तो प्रशांत किशोर को कानूनी
कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।





