जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क इतिहास रचते हुए जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के पहले भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम मेयर बने। जानिए उनके संघर्ष, सामाजिक कार्य और उपलब्धियों की प्रेरणादायक कहानी
जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क जोहरान ममदानी संघर्ष से सफलता तक का सफर
#जोहरान ममदानी ने संघर्ष से सफलता तक का सफर तय किया, युगांडा से न्यूयॉर्क आकर भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए मिसाल बने। 34 वर्ष की उम्र में न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर बनकर, उन्होंने सामाजिक न्याय और समावेशिता की नई राह बनाई
शुरुआत और पारिवारिक पृष्ठभूमि

जोहरान ममदानी का जन्म युगांडा में हुआ और वे सात साल की उम्र में न्यूयॉर्क आ गए। उनकी मां मीरा नायर प्रसिद्ध फिल्म निर्माता हैं, और पिता महमूद ममदानी कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
शिक्षा और सामाजिक सक्रियता
उन्होंने बोउडिन कॉलेज से अफ्रीकाना स्टडीज में डिग्री ली। कॉलेज के दौरान वे स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन पलेस्टाइन संगठन के सह-संस्थापक रहे।
राजनीतिक यात्रा की शुरुआत
जोहरान ने 2020 में न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के लिए चुनाव जीतकर राजनीति में सक्रिय कदम रखा। उनकी सामाजिक योजनाओं ने स्थानीय लोगों के बीच पहचान बनाई।
मेयर चुनाव की चुनौती
2025 के न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में उनको डोनाल्ड ट्रंप
और अन्य दिग्गजों की आलोचना झेलनी पड़ी।
इसके बावजूद, 20 लाख मतदाताओं ने
भाग लिया और जोहरान ने जीत दर्ज की।
उपलब्धियां और विजन
वे अपने शहर में मुफ्त बस सेवा, सस्ती किराए की योजना,
और सामाजिक न्याय की योजनाओं के पक्ष में हैं।
उनकी विजन में हर वर्ग को साथ लेकर चलना है।
संघर्ष और परिवार का साथ
जोहरान के चुनाव अभियान में उनकी पत्नी रामा का
महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने पर्दे के
सफलता और प्रेरणा
जोहरान ममदानी की सफलता विभाजन और पहचान
से ऊपर उठकर, समावेशी राजनीति और संघर्ष की मिसाल
बन गई है। युवा, अल्पसंख्यक और वंचित वर्ग
के लिए उनका सफर प्रेरणादायी है।






