यूट्यूबर रोहित आर्य मुठभेड़ मुंबई के पवई इलाके में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाले यूट्यूबर रोहित आर्य की पुलिस मुठभेड़ में मौत। जानिए पूरी घटना, उसकी मांगे, पुलिस की कार्रवाई और बचाव अभियान की पूरी जानकारी।
यूट्यूबर रोहित आर्य मुठभेड़ पवई के RA स्टूडियो में बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य की मुठभेड़ में मौत की पूरी कहानी और घटना के हर पहलू की विवेचना।
पवई के RA स्टूडियो में यूट्यूबर रोहित आर्य ने 17 बच्चों को बंधक बना लिया था, जो कई घंटे चले तनावपूर्ण मोर्चे के बाद मुंबई पुलिस से मुठभेड़ में मर गया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से सभी बंधकों को सुरक्षित बचाया गया जबकि रोहित आर्य की मानसिक स्थिति और आर्थिक विवाद इस घटना की प्रमुख वजहें मानी जाती हैं।
घटना का प्रारंभ

मुंबई के पवई इलाके में रोहित आर्य ने 17 बच्चों सहित 19 लोगों को बंधक बना लिया। बच्चों को ऑडिशन के लिए बुलाया गया था, लेकिन फिर वे सबकुशल बंधक बन गए।
रोहित आर्य कौन था
पुणे का रहने वाला रोहित आर्य मुंबई के RA स्टूडियो में काम करता था
और यूट्यूब चैनल चलाता था। वह मानसिक रूप से अस्थिर बताया गया
और अपने अधिकारों की अनदेखी होने का दावा करता था।
रोहित आर्य की मांगें
उसने एक वीडियो जारी कर बताया कि कुछ लोग परेशान हैं और वह बातचीत
करना चाहता है। उसकी डिमांड्स में कोई वित्तीय मांग नहीं थी,
बल्कि वो सामाजिक एवं कानूनी सवाल उठाना चाहता था।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल बंधकों को बचाने
के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। पुलिस ने
बाथरूम के रास्ते से स्टूडियो में प्रवेश किया।
मुठभेड़ और मौत
जब पुलिस अंदर गई, तो रोहित आर्य ने एयरगन से एक बच्चे को निशाना
बनाया, जिसके बाद पुलिस ने गोली चलाई। रोहित
घायल हुआ और बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
बचाव अभियान की सफलता
सभी 19 बंधकों को सुरक्षित बचा लिया
गया, जिसमें 17 बच्चे और दो वयस्क
शामिल थे। पुलिस ऑपरेशन को सफल बताया गया, जहां
अमोल वाघमारे नाम के ऑफिसर को героя का दर्जा मिला।
सामाजिक और कानूनी पहलू
इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे
फिर से उभारे। पुलिस अब जांच कर रही है कि रोहित ने यह कदम
क्यों उठाया और यह घटना भविष्य में कैसे रोकी जा सकती है।





